Ek aur nayi kahani. mei aur vo

मैं उस से प्यार करता था, वह भी मुझसे प्यार करती थी, लेकिन हम दोनों को पता था कि हमारी शादी कोई भी स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि हम एक दूसरे के धर्म व जाति से भिन्न थे।

फिर भी हम दोनों के बीच में प्यार था। हम अपनी प्रेम की कहानी को गुप्त रखने के लिए अक्सर घुमने जाते थे। एक दिन हम दोनों घूमते हुए एक छोटे से शहर में पहुंच गए। वहाँ एक शादी में शामिल होने का फैसला किया गया था। हम दोनों भी शामिल हो गए।

शादी में हम दोनों ने एक दूसरे के आँखों में देखा और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को एक दुनिया से बढ़कर एक अलग दुनिया में ले जाने का वचन दिया। हम दोनों ने अपने रिश्ते को बनाए रखने का वचन दिया।

शादी के बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने लगे। हम दोनों ने एक दूसरे के विभिन्न संस्कृतियों को समझने का प्रयास किया और एक दूसरे के साथ अपने जीवन की एक नई यात्रा शुरू की।

हम दोनों के बीच प्यार और सम

जब हम दोनों एक साथ होते तो हमें अपने रिश्ते की गहराई में डूबने का एहसास होता था। हम दोनों ने एक दूसरे को पूरी तरह से समझ लिया था। हम दोनों के बीच में एक सुंदर विश्वास का रिश्ता था।

एक दिन हम दोनों घर पर अकेले थे। मैंने उसे अपने बाहों में ले लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा। उसने मुझे गले लगा लिया और मुझसे गहरी आवाज में कहा, “तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो ना?”

मैंने उससे कहा, “हां, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।”

उसने मुझसे कहा, “फिर मुझे अपने बेबी कर दो।”

मैंने उससे पूछा, “तुम यह कैसे कह सकती हो?”

उसने मुझसे कहा, “मैं तुम्हें पूरी तरह से विश्वास करती हूं। तुम मेरे बच्चे का बाप बन सकते हो।”

मेरे चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ गई। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे चुम्मा देने लगा। हम दोनों ने उस रात अपने रिश्ते को एक नया ढांचा देने का फैसला किया।