मैं अकेली अपने बिस्तर पर लेटी थी, रात के गहरे सन्नाटे में। मेरा दिल जोर से धड़क रहा था, जैसे कोई रहस्य छिपा हो मेरे अंदर। कमरे में सिर्फ चांद की रोशनी थी, जो मेरी पतली चादर से झांकती सांसों पर पड़ रही थी। मैंने अपनी आंखें बंद कीं, लेकिन नींद नहीं आ रही थी।
मेरे शरीर में एक अजीब सी उत्तेजना थी, जैसे कोई छुपा हुआ इच्छा जगा रहा हो। तभी दरवाजा खुला और पापा कमरे में घुसे। उनकी आंखें भूखी लग रही थीं, जैसे वे मुझे लंबे समय से ताक रहे हों। ‘बेटी,’ उन्होंने फुसफुसाया, उनकी आवाज में एक धमकी थी जो मेरे शरीर को कंपा गई।
मैं डर गई, लेकिन साथ ही एक अजीब सा रोमांच भी महसूस कर रही थी। वे मेरे पास आए और मेरे हाथ पकड़ लिए, उनकी पकड़ मजबूत और नियंत्रित। ‘तुम्हें पता है, मैं कितनी देर से इंतजार कर रहा हूं?’ उन्होंने कहा, उनकी सांस गरम और भारी पड़ रही थी मेरे चेहरे पर।
मैंने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन वे मुझे बिस्तर पर दबा दिए। उनकी आंखों में जुनून था, जैसे वे मुझे अपना बना लेंगे। उन्होंने मेरी पाजामा की डोर खींची और उसे फाड़ दिया, कपड़े के टुकड़े हवा में उड़ गए। ‘नहीं, पापा, प्लीज,’ मैंने फुसफुसाई, लेकिन मेरी आवाज में उत्साह था जो मैं छिपा नहीं पा रही थी।

वे मेरी ब्रा खींचकर उतार फेंके, मेरे स्तन उजागर हो गए। उनकी उंगलियां मेरे निप्पल्स पर दब गईं, उन्हें मरोड़ते हुए। ‘तुम्हारी ये कोमल त्वचा, कितनी नरम है,’ उन्होंने कहा, उनकी आवाज में अधीरता थी। वे मुझ पर चढ़ गए, अपना वजन मेरे शरीर पर डालते हुए। मैंने अपनी जांघें कस लीं, लेकिन वे उन्हें फैला दिए।
‘रिलैक्स, बेटी, ये तो होना ही था,’ उन्होंने फुसफुसाया, अपनी पैंट खोलते हुए। उनका लिंग बाहर आ गया, मोटा और कड़ा, मेरी आंखों के सामने। मैंने इसे देखा और एक लहर मेरे शरीर में दौड़ गई। ‘पापा, ये…’ मैंने कहा, लेकिन वे मुझे चुप करा दिया अपने होंठों से। उनका चुंबन गहरा था, उनकी जीभ मेरे मुंह में घुस गई, मुझे चूसती हुई।
उन्होंने अपना लिंग मेरी प्यूसी पर रगड़ा, जो अब गीली हो रही थी। ‘तुम्हारी सील तोड़ दूंगा, मेरी छोटी सी बेटी,’ उन्होंने कहा, अपनी आवाज में अधिकार भरते हुए। मैंने सांस रोक ली, जब उन्होंने अंदर धकेला। दर्द हुआ, एक तेज चुभन, जैसे कोई चीज फट रही हो।
‘अह! पापा!’ मैं चीखी, लेकिन वे नहीं रुके। वे और जोर से धक्के मारने लगे, अपना लिंग पूरी तरह अंदर कर रहे थे। मेरी प्यूसी खिंच रही थी, उनके हर धक्के से। ‘तुम्हारी ये तंग प्यूसी, कितनी अच्छी लग रही है,’ उन्होंने कहा, अपनी सांसें भारी करते हुए। मैंने अपनी आंखें बंद कीं, दर्द के साथ-साथ एक सुख भी महसूस कर रही थी।
उनकी हर हलचल मेरे शरीर को हिला रही थी, मेरे स्तन उनके सीने से रगड़ रहे थे। ‘पापा, और जोर से,’ मैंने अनजाने में कह दिया, अपनी आवाज में समर्पण भरते हुए। वे हंस दिए, एक गंदी हंसी, और अपने हाथों से मेरी कूल्हों को पकड़कर और तेज धक्के मारने लगे।

‘तुम्हारी गीली प्यूसी को चोद रहा हूं, मेरी सबमिसिव बेटी,’ उन्होंने कहा, अपनी सारी ताकत लगाते हुए। मेरा शरीर कांप रहा था, उनकी हर चोट से। मैंने अपनी उंगलियां उनकी पीठ में गड़ा दीं, उन्हें और करीब खींचते हुए। ‘हां, पापा, मुझे तोड़ो,’ मैंने फुसफुसाया, अपनी इच्छाओं को छिपाए बिना।
वे लगातार चलते रहे, उनका लिंग अंदर-बाहर होता रहा, मेरी वर्जिनिटी को तोड़ते हुए। सारा दर्द अब सुख में बदल रहा था, मेरे शरीर में एक बवंडर उठ रहा था। ‘तुम्हारी चूत कितनी गर्म है,’ उन्होंने कहा, अपनी सांसें तेज करते हुए। लेकिन वे रुके नहीं, बस और आगे बढ़ते गए, जैसे ये रात अभी खत्म नहीं होनी है।
उन्होंने अपनी लीद और जोर से मेरी गीली चूत में घुसा दी, हर धक्के से मेरे शरीर को हिला कर रख दिया। मैंने अपनी आंखें बंद कीं, दर्द और सुख की लहरें मेरे अंदर उमड़ रही थीं। ‘हां, पापा, और जोर से,’ मैंने फुसफुसाई, मेरी आवाज में विनती थी जो मेरी इच्छाओं को दर्शा रही थी।
उनका लिंग मेरी तंग प्यूसी को फैला रहा था, अंदर तक घुसकर मुझे तोड़ रहा था। मैंने अपनी उंगलियों को चादर में गड़ा दिया, उनके हर धके से मेरी कूल्हे ऊपर उठ रही थीं। पापा की सांसें तेज हो रही थीं, उनकी पकड़ मेरी कमर पर और मजबूत हो गई।
‘तुम्हारी ये गर्म चूत, कितनी अच्छी तरह मेरे लिंग को चूस रही है,’ उन्होंने गंदी हंसी के साथ कहा, अपने धक्कों को तेज करते हुए। मैं moan करती रही, ‘अह, पापा, मुझे दबाओ, मुझे अपना बना लो,’ मेरी आवाज कमरे में गूंज रही थी। उनकी dominance मेरे शरीर पर हावी थी, हर बार जब वे अंदर जाते, तो मेरी submission उन्हें और उत्तेजित कर रही थी।

मेरे स्तन उनके सीने से रगड़ रहे थे, निप्पल्स खड़े होकर दर्द दे रहे थे जो सुख में बदल रहा था। मैंने अपनी टांगें और फैला दीं, उन्हें और गहराई से एंट्री देने के लिए। ‘तुम्हारी गीली प्यूसी को अब और नहीं बख्शूंगा,’ उन्होंने कहा, अपनी आवाज में अधिकार भरते हुए।
उनके धक्के इतने जोरदार थे कि मेरे शरीर में climax build हो रहा था, एक बवंडर जो मेरे अंदर घूम रहा था। मैंने अपनी आंखें खोलीं और उन्हें देखा, उनकी आंखों में भूख थी जो मेरी curiosity को और बढ़ा रही थी। ‘पापा, मुझे तोड़ दो, मुझे दर्द दो जो सुख बने,’ मैंने चीखकर कहा, मेरी आवाज में समर्पण था।
वे नहीं रुके, बस और तेजी से चलते रहे, उनका लिंग मेरी चूत में अंदर-बाहर होता रहा। मैंने अपनी पकड़ उनकी पीठ पर मजबूत की, नाखूनों से उनके त्वचा को खरोंचते हुए। ‘तुम्हारी ये submission, कितनी मीठी है,’ उन्होंने फुसफुसाया, अपने होंठों से मेरे कान को चूमते हुए।
मेरे शरीर में उत्तेजना चरम पर थी, हर धक्का मेरी गहराईयों को छू रहा था। फिर अचानक, एक लहर आई—मैं orgasm की कगार पर थी, मेरी चूत सिकुड़ रही थी उनके लिंग को अंदर दबाते हुए। ‘हां, पापा, आ रहा है!’ मैंने जोर से moan किया, मेरी आवाज में खुशी और दर्द का मिश्रण।
वे भी अपने climax के करीब थे, उनके शरीर में कंपकंपी आ रही थी। ‘तुम्हारी चूत को भर दूंगा,’ उन्होंने कहा, और फिर हम दोनों एक साथ पहुंच गए। उनका लिंग अंदर फट पड़ा, गर्म cum मेरी प्यूसी में भर गया, जबकि मेरी शरीर कांप रही थी, मेरी चूत सिकुड़-सिकुड़ कर उनका सारा juice सोख रही थी।
हम दोनों के शरीर एक साथ हिल रहे थे, पसीने से तर, सांसें भारी। ‘अह, पापा, ये… इतना अच्छा,’ मैंने सिसकी, मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे—आंसू जो दर्द से नहीं, बल्कि इस नए सुख से थे। कुछ सेकंड्स बाद, उन्होंने अपना लिंग बाहर खींचा, धीरे से, लेकिन उसमें भी एक dominance थी।
मेरी चूत से उनका cum बह रहा था, मेरी जांघों पर फैलता हुआ। मैंने नीचे देखा, मेरे शरीर में एक खालीपन आ गया, लेकिन साथ ही एक craving भी। ‘ये पहली बार नहीं है, बेटी,’ उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, अपनी आवाज में वादा भरते हुए। ‘मैं तुम्हें बार-बार चोदूंगा, तुम्हारी ये तंग चूत को हर रात तोड़ूंगा।
‘ मैंने उनकी तरफ देखा, मेरी आंखों में उत्सुकता थी, जैसे ये रात अभी खत्म नहीं हुई, बल्कि एक नई शुरुआत हो।