Bodhidharma History: बौद्धाचार्य के जीवन की Biography In hindi

Bodhidharma history in hindi

क्या आप जानते है Bodhidharma कोन थे उसका इतहास क्या है अगर आपको नही पता तो जानिये  Bodhidharma History in hindi. बौद्धाचार्य का जन्म पांचवी सताब्दी में दक्षिण  भारत के कांचीपुरम के राजा के घर तीसरे पुत्र के रूप में हुआ था. ये इक महान भारतीय बोद्ध योगी एवं भिक्षु थे जो सदैव ध्यान में लीं रहते थे जिन्होंने ने चीन जाकर ध्यान बोद्ध धर्म का निर्माण किया. बौद्धाचार्य Bodhidharma ने चीन यात्रा दक्षिणी समुद्र से होते हुए चीन के दक्षिण समुद्री तट पर जाकर रुकी और फिर उन्होंने बोद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया. ये बहुत ज्ञानी बोद्ध पुरुष थे ध्यान के साथ साथ ये जड़ी बूटियों एवं मार्शल आर्ट का भी ज्ञान रखते थे. चलिए और भी जानते है बौद्धाचार्य Bodhidharma Biography  के बारे में जानकारी.

 

Bodhidharma history in hindi
Bodhidharma history in hindi

बौद्धाचार्य कोन थे Biography – Bodhidharma History In hindi

आचार्य बोधिधर्म ने china जाकर चीन में ध्यान और सम्प्रदाय की स्थापना की। बोधिधर्म ने बड़ी महनत  परीक्षा के बाद उन्होंने चीन के लोगो के   मन के मन अपने मन से जोड़ कर बिना कुछ कहे उनके ह्रदय में ज्ञान का सागर भर दिया. बोधिधर्म 22 वर्ष की आयु में बोद्ध धर्मं का प्रचार करने के लिए घर बार त्याग कर चले गये थे. उन्होंने बोद्ध धर्म के ग्रंथो का अनुवाद करा और बहुत लोगो को बोद्ध भिक्षु बनाने का बताया जिससे वो इस धर्म को बड़ा सके और लोगो के मन में शांति ज्ञान प्रदान कर सके.

बोधिधर्म का विस्तार

Bodhidharma पर  कोई ग्रन्थ नहीं लिखा हुआ था लेकिन  ध्यान सम्प्रदाय के इतिहास ग्रन्थों में उनके कुछ वचनों या उपदेशों का ज्ञान मिलता है.  चीन के तुन-हुआङ् City के ‘सहस्त्र बुद्ध गुहा विहार’ के ध्वंसावशेषों में हाथो से लिखी गयी पुस्तकों का स्टोर है जिनसे से एक बोद्धधर्म पर लिखी हुयी पुस्तक है. Bodhidharma के शिष्यों द्वारा लिखी गयी इक पुस्तक चीन के NAtional library  में राखी गयी है जिसमे Bodhidharma और उनके शिष्य सवाल तथा जबाब पूर्ण रूप से सम्मलित किये हुए मिलते है.

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Bodhidharma का इतहास क्या था उनकी history In Hindi –

Bodhidharma  के अंतर्ध्यान होने के बारे में किसी को पता नही चला की वो कहा चले गये. सबसे अंतिम बार जिन लोगो ने उन्हें देखा था उनका कहना है की Bodhidharma नंगे पैर इक हाथ में जूता लिए हुए त्सुग्-लिंग पर्वत से होते हुए पश्चिम की और चले जा रहे थे. इस प्रकार से लोगो के कहने पर Bodhidharma की शमाधि को खोला गया जिसमे सिर्फ इक जूता मिला और कुछ न मिला. Bodhidharma कहा चले गये इसके बारे में किसी को कुछ पता नि चला. और ये सायद इक राज की तरह ही रह गया.

FInal Word –

दोस्तों ये थी जानकारी बौद्धाचार्य Bodhidharma की जिन्होंने चीन में बोद्ध धर्म का प्रचार किया और निर्माण किया. मुझे आशा है की आपको ये जानकारी  Bodhidharma History  जरुर अच्छी लगी होगी. अगर जानकारी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरुर करे. और ऐसी ही जानकरी पड़ने के लिए डेली विजिट करे.

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